नवीनतम लेख

दे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा(De De Thoda Pyar Maiya Tera Kya Ghat Jayega)

दे दे थोड़ा प्यार मैया,

तेरा क्या घट जायेगा,

ये बालक भी तर जायेगा,

दे दे थोड़ा प्यार 



दे दिया तुमने,

सबको सहारा माँ,

जो द्वारे आया है,

भर दिया दामन,

उसका खुशी से माँ,

जो अर्जी लाया है,

मुझको देने से,

मुझको देने से खजाना,

कम नही हो जायेगा,

ये बालक भी तर जायेगा

दे दे थोड़ा प्यार ॥


है पुराना माँ,

रिश्ता हमारा जो,

उसे तुम याद करो,

करदे कृपा ओ माँ,

बालक तुम्हारा हूँ,

मेरे सिर पर हाथ धरो,

प्यार का रिश्ता,

प्यार का रिश्ता हमारा,

टूटने ना पायेगा,

ये बालक भी तर जायेगा,

दे दे थोड़ा प्यार ॥


कश्ती मेरी ये माँ,

तेरे हवाले है,

इसे तुम पार करो,

गर दे दिया मुझको,

तूने किनारा माँ,

तो ये विश्वास करो,

ये तेरा दरबार,

ये तेरा दरबार जय जयकारो,

से गूँज जायेगा,

ये बालक भी तर जायेगा,

दे दे थोड़ा प्यार ॥


दे दे थोड़ा प्यार मैया,

तेरा क्या घट जायेगा,

ये बालक भी तर जायेगा,

दे दे थोड़ा प्यार ॥

जब भी नैन मूंदो(Jab Bhi Nain Mundo Jab Bhi Nain Kholo)

जय राधे कृष्णा,
जय राधे कृष्णा,

वीर हनुमाना राम का दीवाना (Veer Hanumana Ram Ka Diwana)

छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना, वीर हनुमाना राम का दीवाना,

षटतिला एकादशी पर ना करें ये काम

षटतिला एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित है। हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

जब निर्वस्त्र होकर नहा रहीं गोपियों को नटखट कन्हैया ने पढ़ाया मर्यादा का पाठ

भगवान विष्णु ने रामावतार लेकर जगत को मर्यादा सिखाई और वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। वहीं कृष्णावतार में भगवान ने ज्यादातर मौकों पर मर्यादा के विरुद्ध जाकर अपने अधिकारों की रक्षा और सच को सच कहने साहस हम सभी को दिखाया।

यह भी जाने