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दिल की कुटिया, में मेरी आ जाओ(Dil Ki Kutiya Mein Meri Aa Jao)

श्याम दर्शन,

जरा दिखा जाओ,

दिल की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


मैंने कुटिया बहुत सजाई है,

मैंने कुटिया बहुत सजाई है,

खुशबु अपनी जरा लुटा जाओ,

दील की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


खातरी तेरी सांवरे होगी,

खातरी तेरी सांवरे होगी,

भाव दिल के जरा जगा जाओ,

दील की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी,

कुछ कहेंगे तो कुछ सुनेंगे तेरी,

हमको मदहोश तो बना जाओ,

दील की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


दील की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं,

दील की कुटिया में कुछ कमी तो नहीं,

गर कमी है कमी पूरा जाओ,

दील की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


दील की कुटिया करीब है तेरे,

दील की कुटिया करीब है तेरे,

तुम जरा सा करीब आ जाओ,

दील की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


‘नंदू’ हर हाल में तुम्हे चाहे,

‘नंदू’ हर हाल में तुम्हे चाहे,

प्रेम ऐसा प्रभु जगा जाओ,

दील की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥


श्याम दर्शन,

जरा दिखा जाओ,

दिल की कुटिया,

में मेरी आ जाओ ॥

होली भाई दूज की पूजा विधि

होली के ठीक बाद आने वाला भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सफलता की मनोकामना करती हैं।

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