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गौरी नंदन थारो अभिनंदन, करे सारो परिवार (Gauri Nandan Tharo Abhinandan Kare Saro Parivar)

गौरी नंदन थारो अभिनंदन,

करे सारो परिवार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


बल और बुद्धि को तो,

थारो भंडार है,

तीनो लोक में पहलो,

थारो अधिकार है,

थारी पूजा सबसे पहले,

करे सारो संसार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


विघ्न विनाशक सारी,

विपदा मिटाओ,

रिद्धि सिद्धि सागे लेकर,

म्हारे घरा आओ,

काम कोई भी करने से पहले,

पड़े थारी दरकार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


चंदन की चौकी पर म्हे,

थाने बिठावा,

तिलक लगावा ‘भक्ता’,

हार पहनावा,

मोदक लड्डूवा को भोग लगावा,

कर लीजो स्वीकार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


गौरी नंदन थारो अभिनंदन,

करे सारो परिवार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥

बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो (Boli Gaura Suno Bhola Baat Meri Dhyan Se Sunlo)

बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,

बच्छ बारस शुभ मूहूर्त, पूजा विधि (Bachh Baras Shubh Muhrat, Puja Vidhi)

बच्छ बारस जिसे गोवत्स द्वादशी भी कहा जाता है। ये पर्व आगामी 28 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

अंजनी के लाल तुमको, मेरा प्रणाम हो (Anjani Ke Lal Tumko Mera Pranam Ho)

अंजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो,

परशुराम जयंती क्यों मनाई जाती है

परशुराम जयंती सनातन धर्म के एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

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