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हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है (Hamako Apani Bharat Ki Mati Se Anupam Pyar Hai)

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने,

इस धरती पर गीता गायी यदुकुल-भूषण श्याम ने ।

इस धरती के आगे झुकता मस्तक बारम्बार है ॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥


इस धरती की गौरव गाथा गायी राजस्थान ने,

इस पुनीत बनाया अपने वीरों के बलिदान ने ।

मीरा के गीतों की इसमें छिपी हुई झंकार है ॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥


कण-कण मंदिर इस माटी का कण-कण में भगवान् है,

इस माटी से तिलक करो यह मेरा हिन्दुस्तान है ।

इस माटी का रोम रोम भारत का पहरेदार है॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥

राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया(Jinka Maiya Ji Ke Charno Se Sabandh Hogaya)

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया
उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥

रामराज्य! शांति के दूत है हम(Ramrajya - Shanti ke doot hai hum)

शांति के दूत है हम
शांति के हैं हम पूजारी

यगोविंदा आला रे आला(Govinda Aala Re Aala)

गोविंदा आला रे आला
ज़रा मटकी सम्भाल बृजबाला

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