नवीनतम लेख

हमने ब्रज के ग्वाले से, अपना दिल लगाया है(Humne Braj Ke Gwale Se Apna Dil Lagaya Hai )

हमने ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है,

नींद भी गवाई है,

चैन भी गवाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


दिल मेरा बेकाबू,

हो जाता है उस पर,

देखता है मेरी तरफ,

और मुस्कुराता है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


कई बार चाहा उसे,

हाले दिल सुनाऊ मैं,

होंठ मेरे खुल ना सके,

सामने जो आया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


सब ये समझते है,

वो बांसुरी बजाता है,

पर उसने इशारों से,

हमको बुलाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


हमने ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है,

नींद भी गवाई है,

चैन भी गवाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥

क्यों घबराता है पल पल मनवा बावरे (Kyun Ghabrata Hai Pal Pal Manva Baware)

क्यों घबराता है,
पल पल मनवा बावरे,

जय बजरंगी बोले, वो कभी ना डोले (Jay Bajrangi Bole Vo Kabhi Na Dole)

बोले बोले रे जयकारा,
जो बाबा का बोले,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो (Prathamesh Gajanan Naam Tero)

प्रथमेश गजानन नाम तेरो,
हृदय में पधारो मेहर करो,

हनुमान जयंती साल में 2 बार क्यों मनाते हैं

हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान का विशेष स्थान है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।

यह भी जाने