नवीनतम लेख

जय गणेश जय गजवदन, कृपा सिंधु भगवान (Jai Ganesh Jai Gajvadan Kripa Sindhu Bhagwan)

जय गणेश जय गजवदन,

कृपा सिंधु भगवान ।

मूसक वाहन दीजिये,

ज्ञान बुद्धि वरदान ॥1॥


शिव नंदन गौरी तनय,

प्रथम पूज्य गणराज ।

सकल अमंगल को हरो,

पूरण हो हर काज ॥2॥


हाथ जोड़ विनती करूँ,

देवों के सरताज ।

भव बाधा सब दूर हो,

ऋद्धि सिद्धि गणराज ॥3॥


मंगलकारी देव तुम,

मंगल करो गणेश ।

जग वंदन तुम्हरे करें,

काटो सबका क्लेश ॥4॥


गिरिजा पुत्र गणेश की,

बोलो जय-जयकार ।

गणपति मेरे देव तुम,

देवों के सरकार ॥5॥


मूसक वाहन साजते,

एक दन्त भगवान ।

नमन करूँ गणदेव जी,

आओ बुद्धि निधान ॥6॥


प्रथम पुज्य वन्दन करूँ,

महादेव के लाल ।

ऋद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं,

तुम हो दीनदयाल ॥7॥


देवों के सरताज हो,

ज्ञान वान गुणवान ।

गणपति बप्पा मोरिया,

लीला बड़ी महान ॥8॥


तीन लोक चौदह भुवन,

तेरी जय-जयकार ।

हे गणपति गणदेवता,

हर लो दुःख अपार ॥9॥


सुर नर मुनि सब हैं भजे,

तुमको हे शिव लाल ।

प्रमुदित माता पार्वती,

जय हो दीन दयाल ॥10॥


कैलाशी शिव सुत सुनो,

करो भक्त कल्याण ।

सब जन द्वारे आ खड़ा,

आज बचालो प्राण ॥11॥


महादेव के लाल तुम,

सभी झुकाते शीष ।

हम निर्धन लाचार हैं,

दो हमको आशीष ॥12॥


गणनायक हे शंभु सुत,

विघ्न हरण गणराज ।

सकल क्लेश संताप को,

त्वरित मिटा दो आज ॥13॥


वक्रतुंड शुचि शुंड है,

तिलक त्रिपुंडी भाल ।

छबि लखि सुर नर आत्मा,

शिव गौरी के लाल ॥14॥


उर मणिमाला शोभते,

रत्न मुकुट सिर साज ।

मोदक हाथ कुठार है,

सुन्दर मुख गणराज ॥15॥


पीताम्बर तन पर सजे,

चरण पादुका धार ।

धनि शिव ललना सुख भवन,

मेरे तारणहार ॥16॥


ऋद्धि सिद्धि पति शुभ सदन,

महिमा अमिट अपार ।

जन्म विचित्र चरित्र है,

मूसक वाहन द्वार ॥17॥


एक रदन गज के बदन,

काया रूप विशाल ।

पल में हरते दुःख को,

हे प्रभु दीन दयाल ॥18॥


माता गौरा के तनय,

ज्ञान बुद्धि भण्डार ।

गहे शरण प्रभु राखिये,

हम हैं दीन अपार ॥19॥


शिवा शंभु के लाल तुम,

करुणा बड़े निधान ।

विपदा में संसार है,

हरो कष्ट भगवान ॥20॥

- बोधन राम निषादराज `विनायक`

माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,
हर बार उठा हूँ,

बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए (Bandhu jispe Rakhi wo Kalai chahiye)

बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,

अपने दरबार में तू बुलालें (Apne Darbar Mein Tu Bula Le)

महाकाल बाबा उज्जैन वाले,
जीवन मेरा तेरे हवाले,

मंत्र क्या होते हैं

शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।

यह भी जाने