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जम्मू में माँ मात वैष्णो, कलकत्ते में काली (Jammu Mein Maa Maat Vaishno Kalkatte Mein Kali)

जम्मू में माँ मात वैष्णो,

कलकत्ते में काली,

सब की विनती सुनती है,

मेरी मैया शेरोवाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


रूप अनेको माँ के ये बताऊँ मैं,

जहाँ भी देखूं मैया को ही पाऊं मैं,

मैया का हर द्वार है सच्चा,

जानता हर बच्चा बच्चा,

कही चामुंडा कही पे ज्वाला,

कही पे झंडे वाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


सच्चे दिल से जो माँ के दर आता है,

जीवन में वो कभी नहीं दुःख पाता है,

गुण गाओ चाहे करोली,

खुशियों से भरती है झोली,

माँ के दर से आज तलक,

कोई लौटा नहीं है खाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


‘भीमसेन’ बेशक प्यारे आजमा ले तू,

माँ के दर पे सोया भाग्य जगा ले तू,

माँ बेटे का निर्मल नाता,

क्यों ना तेरी समझ में आता,

ममता माँ के भक्तो की तो,

मनती रोज दिवाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


जम्मू में माँ मात वैष्णो,

कलकत्ते में काली,

सब की विनती सुनती है,

मेरी मैया शेरोवाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥

तेरी जय हों जय हों, जय गोरी लाल(Teri Jay Ho Jay Ho Jay Gauri Lal)

तेरी जय हो जय हो,
जय गोरी लाल ॥

कालाष्टमी कब मनाई जाएगी

सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे भगवान काल भैरव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा करने से साधकों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।

थाईपुसम क्यों मनाया जाता है

हिंदू धर्म में, थाईपुसम एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। यह त्योहार विशेषकर तमिल समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार माघ माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शंकर भगवान के बड़े पुत्र भगवान मुरुगन यानि कार्तिकेय की पूजा की जाती है।

प्रदोष व्रत के फायदे

प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इसलिए, इसे त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

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