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जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन (Jaya Radhe Jaya Krishna Jaya Vrindavan)

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ।

श्री गोविंदा, गोपीनाथ, मदन-मोहन ॥


श्याम-कुंड, राधा-कुंड, गिरि-गोवर्धन ।

कालिंदी जमुना जय, जय महावन ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


केशी-घाट, बंसीवट, द्वादश-कानन ।

जहां सब लीला कोइलो श्री-नंद-नंदनी ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


श्री-नंद-यशोदा जय, जय गोप-गण ।

श्रीदामादि जय, जय धेनु-वत्स-गण ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


जय वृषभानु, जय कीर्तिदा सुंदरी ।

जय पूरणमासी, जय अभिरा नगरी ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


जय जय गोपिश्वर वृंदावन-माझ ।

जय जय कृष्ण-सखा बटु द्विज-राज ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


जय राम-घाट, जया रोहिणी-नंदन ।

जय जय वृंदावन, बासी-जत-जन ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


जय द्विज-पत्नी जय, नाग-कन्या-गण ।

भक्ति जहर पाईलो, गोविंद चरण ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


श्री-रास-मंगल जय, जय राधा-श्याम ।

जय जय रास-लीला, सर्व-मनोरम ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


जय जय उज्ज्वल-रस, सर्व-रस-सार ।

पारकिया-भावे जाह, ब्रजते प्रचार ॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


श्री जाह्नवा पाद पद्म कोरिया स्मरण ।

दीन कृष्ण दास कोहे नाम संकीर्तन॥

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ॥


जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन ।

श्री गोविंदा, गोपीनाथ, मदन-मोहन ॥


श्री सत्यनारायण जी की आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti )

जय लक्ष्मीरमणा, श्री जय लक्ष्मीरमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जनपातक हरणा॥

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।

मासिक जन्माष्टमी पर राशि अनुसार पूजा

हिंदू धर्म में हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है और इसे कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं (Bhajan: Kalyug Mein Sidh Ho Dev Tumhin Hanuman)

कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।

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