नवीनतम लेख

जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए (Jo Khel Gaye Parano Pe Bhajan)

जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए,

एक बार तो हाथ उठालो,

मेरे हनुमान के लिए ।

एक बार तो हाथ उठालो,

मेरे हनुमान के लिए ।


सागर को लांग के इसने,

सीता का पता लगाया,

प्रभु राम नाम का डंका,

लंका में जाके बजाया ,

माता अंजनी की ऐसी,

संतान के लिए ।

॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥


लक्षमण को बचाने की जब,

सारी आशाये टूटी,

ये पवन वेग से जाकर,

लाये संजीवन बूटी,

पर्वत को उठाने वाले,

बलवान के लिए ।

॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥


विभीषण जब इनकी भक्ति पर,

जब प्रश्न आज उठाया

तो चीर के सीना अपना,

श्री राम का दरश कराया

इन परम भक्त हनुमान,

माता अंजनी के संतान के लिए ।

॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥


सालासर में भक्तो की,

ये पूरी करे मुरादे,

मेहंदीपुर ये सोनू.

दुखियो के दुखारे काटे,

दुनिया से निराले इसके,

दोनों धाम के लिए ।

॥ एक बार तो हाथ उठालो...॥


जो खेल गये प्राणो पे,

श्री राम के लिए,

एक बार तो हाथ उठालो,

मेरे हनुमान के लिए ।

एक बार तो हाथ उठालो,

मेरे हनुमान के लिए ।

मैं तो बन के दुल्हन आज सजी: भजन (Main To Banke Dulhan Aaj Saji)

श्यामा आन बसो वृंदावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

विनायक चतुर्थी की पौराणिक कथाएं

हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत किया जाता है। इस खास अवसर पर गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष प्रकार का व्रत भी किया जाता है।

श्री शाकम्भरी चालीसा (Shri Shakambhari Chalisa)

बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान ।
शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

यह भी जाने