नवीनतम लेख

कभी राम बनके, कभी श्याम बनके (Kabhi Ram Banake Kabhi Shyam Banake)

कभी राम बनके कभी श्याम बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम राम रूप में आना,

तुम राम रूप में आना

सीता साथ लेके,

धनुष हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


कभी राम बनके कभी श्याम बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम श्याम रूप में आना,

तुम श्याम रूप में आना,

राधा साथ लेके,

मुरली हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


कभी राम बनके कभी श्याम बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम शिव के रूप में आना,

तुम शिव के रूप में आना,

गौरा साथ लेके,

डमरू हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


कभी राम बनके कभी श्याम बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम विष्णु रूप में आना,

तुम विष्णु रूप में आना,

लक्ष्मी साथ लेके,

चक्र हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


कभी राम बनके कभी श्याम बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम गणपति रूप में आना,

तुम गणपति रूप में आना

रिद्धि साथ लेके,

सिद्धि साथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


कभी राम बनके कभी श्याम बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा मां एकादशी के जन्म से संबंधित है। इसमें ये बताया गया है कि उन्होंने भगवान विष्णु को एक राक्षस से कैसे बचाया। दरअसल सतयुग में एक मुरा नाम का एक राक्षस था।

लाड़ली अद्भुत नजारा, तेरे बरसाने में है (Ladli Adbhut Nazara, Tere Barsane Me Hai)

तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,

मार्गशीर्ष के देवता

श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस माह को धार्मिक ग्रंथों में पवित्र और फलदायी बताया गया है।

झूलेलाल जयंती क्यों और कैसे मनाए

झूलेलाल जयंती, जिसे चेटीचंड के नाम से भी जाना जाता है, सिंधी समुदाय के लिए एक पवित्र और महत्वपूर्ण दिन होता है। यह पर्व चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है, जो हिंदू नववर्ष के प्रारंभिक दिनों में आता है।

यह भी जाने