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कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है (Kanha Meri Rakhi Ka Tujhe Karj Chukana Hai)

कान्हा मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है,

जन्मों जनम तक ये,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


बैठा बैठा क्या सोचे,

पकड़ ले कलैया रे,

झूठे जग के झमेले में,

खो न जाऊं मैं भैया रे,

बनके खिवैया तुझे,

बनके खिवैया तुझे,

परली पार ले जाना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


रेशम की डोरी का,

मान तुझे रखना है,

मैं ना कहूं कुछ भी,

तुझको समझना है,

भूल से भी भूल मुझसे,

भूल से भी भूल मुझसे,

तुझको ना कराना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


जिस राह पे ‘अर्चू’ चले,

वो राह अनजानी है,

थामकर उंगली मेरी,

तुझे राह दिखानी है,

बनके उजाला तुझे,

बनके उजाला तुझे,

ये अँधेरा मिटाना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


कान्हा मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है,

जन्मों जनम तक ये,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)

करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कहानी के अनुसार देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहा करती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें जल में खिंचने लगा

जगदम्बा के दीवानो को, दरश चाहिए (Jagdamba Ke Deewano Ko Daras Chahiye)

जगदम्बा के दीवानो को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए,

काल भैरव की कथा

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सूर्यग्रहण में सूतक क्या होता है

हर ग्रहण के दौरान एक सूतक काल होता है। जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल का खास महत्व होता है। यह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।

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