नवीनतम लेख

लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो(Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

लल्ला की सुन के मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

कान्हा की सुनके मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

लाला जनम सुन आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


देदो बधाई मैया देदो बधाई,

लल्ला की सुन के मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


टीका भी लूँगी मैया,

बिंदियां भी लूँगी,

रेशम की लूँगी रजाई,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


साड़ी भी लूँगी मैया,

लहँगा भी लूँगी,

धोती भी लूँगी मैया,

कुर्ता भी लूँगी,

पगडि की होगी चढ़ाई,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


हरवा भी लूँगी मैया,

चुड़ि भी लूँगी,

कंगना पे होगी चढ़ाई,

यशोदा मैया देदो बधाई।


चन्द्र सखी भज,

बाल कृष्ण छवि,

नित नित जाऊँ बलिहारी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


लल्ला की सुन के मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

कान्हा की सुनके मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

लाला जनम सुन आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।

सफला एकादशी पर अर्पित करें ये चीजें

पौष माह की कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी का व्रत विशेष माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने और व्रत रखने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

नाग स्तोत्रम् (Nag Stotram)

ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।

गौरा जी को भोले का, योगी रूप सुहाया है(Goura Ji Ko Bhole Ka Yogi Roop Suhaya Hai)

गौरा जी को भोले का,
योगी रूप सुहाया है,

स्कंद षष्ठी व्रत की पौराणिक कथा

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन, सुब्रमण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है उनकी पूजा को समर्पित है। यह व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत में मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और शक्ति के देवता के रूप में पूजते हैं।

यह भी जाने