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लौट के आजा नंद के दुलारे(Laut Ke Aaja Nand Ke Dulare)

लौट के आजा नंद के दुलारे,

उम्मीद लगाए,

ना जाने मेरो,

लाला कब आए ॥


लौट के आजा नंद के दुलारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥


अक्रूर आया मेरे दिल का,

वो टुकड़ा ले गया,

चांदनी चकोरी में,

चाँद का वो टुकड़ा ले गया,

दर्शन को तरसे,

दर्शन को तरसे,

नैन बिचारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥


मधुवन है सुना सुना,

सुनी है सारी वो नगरीया,

प्यासे है व्याकुल नैना,

आ जाओ बांके ओ बिहारी,

यादो में तुम्हरी,

यादो में तुम्हरी रोए,

नैन हमारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥


लौट के आजा नंद के दुलारें,

मैया यशोदा तुझको पुकारे,

मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

आरती पुराण जी की (Aarti Puran Ji Ki)

आरती अतिपावन पुराण की,
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समुद्र मंथन से जुड़ा है सूर्यग्रहण का रहस्य

सूर्यग्रहण.... एक सुंदर और अद्भुत खगोलीय घटना है, जब ब्रह्मांड एक अनोखा दृश्य प्रस्तुत करता है।

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं (Bhole Baba Tere Darbar Mein Jo Aate Hai)

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते है ॥

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