नवीनतम लेख

लूटूरू महादेव चलो(Lutru Mahadev Chalo)

लूटरू महादेव जय जय,

लुटरू महादेव जी,

लूटूरू महादेव चलो,

लूटूरु महादेव जी,

सारी दुनियां ध्याए,

गाए गुण महादेव जी,

लुटरू महादेव चलो,

लूटरु महादेव जी ॥


तुम सा ना कोई जग में है दाता,

जो दर जाता है सब कुछ पाता,

झोली भर के लाता,

भाता लुटरू महादेव जी,

लूटरू महादेव जय जय,

लुटरू महादेव जी,

लूटरू महादेव चलों,

लूटरु महादेव जी ॥


है गुफा का गज़ब नज़ारा,

बाबा भारती जी ने हाथों से श्रृंगारा,

देते हैं सहारा,

मार सुटा महादेव जी,

लूटरू महादेव जय जय,

लुटरू महादेव जी,

लूटरू महादेव चलों,

लूटरु महादेव जी ॥


मेरी भी बाबा अब करो सुनवाई,

है कष्ट बहुत नहीं लगती दवाई,

बनेंगे सहाई,

‘ओम सैन’ महादेव जी,

लूटरू महादेव जय जय,

लुटरू महादेव जी,

लूटरू महादेव चलों,

लूटरु महादेव जी ॥


दर्शन को ‘अभिजीत’ है आया,

दिल की मुरादें साथ में लाया,

भजन सुनाया,

पाया वर महादेव जी,

लूटरू महादेव जय जय,

लुटरू महादेव जी,

लूटरू महादेव चलों,

लूटरु महादेव जी ॥


लूटरू महादेव जय जय,

लुटरू महादेव जी,

लूटूरू महादेव चलो,

लूटूरु महादेव जी,

सारी दुनियां ध्याए,

गाए गुण महादेव जी,

लुटरू महादेव चलो,

लूटरु महादेव जी ॥

कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे - भजन (Kanhaiya Kanhaiya Pukara Karenge Lataon Me Brij Ki Gujara Karenge)

कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे,
लताओं में बृज की गुजारा करेंगे।

भगवान इंद्र की पूजा विधि

सनातन धर्म में इंद्रदेव को देवों के राजा और आकाश, वर्षा, बिजली और युद्ध के देवता के रूप में पूजा जाता है। इंद्रदेव के आशीर्वाद से पृथ्वी पर वर्षा होती है, जो कृषि और जीवन के लिए आवश्यक है।

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

जिसने राग-द्वेष कामादिक(Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)

जिसने राग-द्वेष कामादिक,
जीते सब जग जान लिया

यह भी जाने