नवीनतम लेख

मनमोहन तुझे रिझाऊं तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं(Manmohan Tujhe Rijhaun Tujhe Neet Naye Laad Ladau)

मनमोहन तुझे रिझाऊं,

तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


गीत बन जाऊं तेरी,

बांसुरी के स्वर का,

इठलाती बलखाती,

पतली कमर का,

पीला पटका बन जाऊं,

पीला पटका बन जाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


घुँघरू बनूँ जो तेरी,

पायल का प्यारे,

पल पल चूमा करूँ,

चरण तुम्हारे,

तेरे संग संग नाचूँ गाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


राधिका किशोरी संग,

रमण तुम्हारा,

मुझ को दिखा दो कभी,

ऐसा नज़ारा,

फिर चाहे मैं मर जाऊं,

फिर चाहे मैं मर जाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥


मनमोहन तुझे रिझाऊं,

तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

बसा के तुझे नैनन में,

छिपा के तुझे नैनन में ॥

साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा

चंद्र ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।

उंचिया पहाड़ा वाली माँ, हो अम्बे रानी (Uchiya Pahadawali Maa O Ambe Rani)

उंचिया पहाड़ा वाली माँ,
हो अम्बे रानी,

रविदास चालीसा (Ravidas Chalisa)

बन्दौ वीणा पाणि को , देहु आय मोहिं ज्ञान।

यह भी जाने