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मन तड़पत हरि दर्शन को आज(Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)

मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

विनती करत हूँ रखियो लाज

॥ मन तड़पत हरि...॥


तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी

हमरी ओर नज़र कब होगी

सुन मोरे व्याकुल मन का बात

॥ मन तड़पत हरि...॥


बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ

दीजो दान हरी गुन गाऊँ

सब गुनी जन पे तुम्हारा राज

॥ मन तड़पत हरि...॥


मुरली मनोहर आस न तोड़ो

दुख भंजन मोरा साथ न छोड़ो

मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज, दे दो आज

॥ मन तड़पत हरि...॥


मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

विनती करत हूँ रखियो लाज

प्रेतराज चालीसा (Pretraj Chalisa)

॥ गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।

जैसे तुम सीता के राम (Jaise Tum Sita Ke Ram)

जैसे तुम सीता के राम
जैसे लक्ष्मण के सम्मान

मार्गशीर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि और भोग

वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।

मासिक शिवरात्रि पर जरूर करें ये उपाय

शिव पुराण में मासिक शिवरात्रि की महिमा का उल्लेख मिलता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है।

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