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मस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया: भजन (Mast Mahina Fagan Ka Khushiyo Ka Aalam Chaya)

मस्त महीना फागण का,

खुशियों का आलम छाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


रंग गुलाल अबीर लाया,

लाया भर पिचकारी,

होली खेलूंगा मैं तो,

तेरे संग श्याम बिहारी,

आज ना छोड़ूँ तुझको बाबा,

रंग दूँ तेरी काया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


धूम मची है खाटू में और,

सज रहा दरबार,

जिसके संग हो सांवरिया,

उसका हर दिन त्यौहार,

कलयुग का ये देव निराला,

सबके मन को भाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


कहता ‘मोन्टु’ तुझसे बाबा,

कर दो ये इंतेज़ाम,

हर फागण पे आऊं बाबा,

मैं तो खाटू धाम,

‘जीतू’ की भी सुनले बाबा,

तुझसे कहने आया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥


मस्त महीना फागण का,

खुशियों का आलम छाया,

चालो चालो खाटू धाम,

मेला फागण का है आया ॥

प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए (Prem Ho to Shri Hari Ka Prem Hona Chahiye)

प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों के प्रेमी उनको रोना चाहिए

हार गया हूँ जग से बाबा (Haar Gaya Hoon Jag Se Baba)

हार गया हूँ जग से बाबा,
मुझको गले लगा लो तुम,

मेरे घर आयो शुभ दिन (Mere Ghar Aayo Shubh Din)

मेरे घर आयो शुभ दिन आज,
मंगल करो श्री गजानना ॥

नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

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