नवीनतम लेख

मेरे उठे विरह में पीर(Mere Uthe Virah Me Pir)

मेरे उठे विरह में पीर,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥


श्लोक

सब द्वारन को छोड़ के,

श्यामा आई तेरे द्वार,

श्री वृषभान की लाड़ली,

मेरी और निहार ॥


मेरे उठे विरह में पीर,

सखी वृन्दावन जाउंगी,

मुरली बाजे यमुना तीर,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥


श्याम सलोनी सूरत पे,

दीवानी हो गई,

अब कैसे धारू धीर सखी,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥


छोड़ दिया मेने भोजन पानी,

श्याम की याद में,

मेरे नैनन बरसे नीर,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥


इस दुनिया के रिश्ते नाते,

सब ही तोड़ दिए,

तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥


नैन लड़े मेरे गिरधारी से,

बावरी हो गई,

दुनिया से हो गई अंजानी,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥


मेरे उठे विरह में पीर,

सखी वृन्दावन जाउंगी,

मुरली बाजे यमुना तीर,

सखी वृन्दावन जाउंगी ॥

राम दीवाना हो मस्ताना, झूमे देखो बजरंगबली (Ram Diwana Ho Mastana Jhoome Dekho Bajrangbali)

राम दीवाना हो मस्ताना,
झूमे देखो बजरंगबली,

फरवरी 2025 पहला प्रदोष व्रत

साल 2025 के फरवरी माह में प्रदोष व्रत से लेकर महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व हैं। इसलिए, यह महीना भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा के लिए बेहद शुभ है।

शेरावाली के दरबार में, होती है सुनवाई (Sherawali Ke Darbar Mein Hoti Hai Sunwai)

शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,

नामकरण संस्कार पूजा विधि

नामकरण संस्कार हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जिसमें बच्चे को उसकी पहचान दी जाती है। यह बच्चे के जीवन का पहला अनुष्ठान होता है।

यह भी जाने