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मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली पनिया गयी (Murli Wale Ne Gher Layi)

मुरली वाले ने घेर लयी

अकेली पनिया गयी ॥


मै तो गयी थी यमुना तट पे

कहना खड़ा था री पनघट पे

बड़ी मुझ को रे देर भई,

अकेली पनिया गयी ॥


श्याम ने मेरी चुनरी झटकी

सर से मेरे घिर गयी मटकी

बईया मेरी मरोड़ गयी

अकेली पनिया गयी ॥


बड़ा नटखट है श्याम सवारिया

दे दारी मेरी कोरी चुनरिया

मेरी गगरिया फोड़ दी

अकेली पनिया गयी ॥


लाख कही पर एक ना मानी

भरने ना दे वो मोहे पानी

मारे लाज के मै मर गयी

अकेली पनिया गयी ॥

पितृ पक्ष की पौराणिक कथा

संतान के द्वारा श्राद्धकर्म और पिंडदान आदि करने पर पितरों को तृप्ति मिलती है, और वे अपनी संतानों को धन-धान्य और खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं।

चलो चलिए माँ के धाम, मैया ने बुलाया है (Chalo Chaliye Maa Ke Dham Bulawa Aaya Hai)

चलो चलिए माँ के धाम,
मैया ने बुलाया है,

माँ की लाल रे चुनरिया, देखो लहर लहर लहराए(Maa Ki Laal Re Chunariya Dekho Lahar Lahar Lehraye)

माँ की लाल रे चुनरिया,
देखो लहर लहर लहराए,

परमात्मा है प्यारे, तेरी आत्मा के अन्दर - भजन (Parmatma Hai Pyare Teri Aatma Ke Andar)

परमात्मा है प्यारे,
तेरी आत्मा के अन्दर ।