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ओ सांवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है (O Sanware Data Mere Tera Shukriya Hai)

मुझे जो भी कुछ मिला है,

तुमने ही सब दिया है,

ओ साँवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है,

ओ सांवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है ॥


मेरी कुछ भी ना औकात थी,

बिगड़ी मेरी हर एक बात थी,

ऐसा मुझपे करम कर दिया,

खुशियों की मुझको सौगात दी,

हर एक विपदा मेरी,

को तुमने हर लिया है,

ओ सांवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है ॥


मेरी हर एक जरुरत प्रभु,

आपने पूरी कर दी प्रभु,

मांगने भी ना मुझको दिया,

पहले ही झोली भर दी प्रभु,

तेरा ही दिया मैंने,

प्रभु खाया और पिया है,

ओ सांवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है ॥


तेरे काबिल कहाँ मैं हरि,

फिर भी तुमने है करुणा करी,

हर जनम बस करते रहे,

‘चित्र विचित्र’ तेरी नौकरी,

हमें वृन्दावन बसा के,

उपकार ये किया है,

ओ सांवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है ॥


मुझे जो भी कुछ मिला है,

तुमने ही सब दिया है,

ओ साँवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है,

ओ सांवरे दाता मेरे,

तेरा शुक्रिया है ॥

जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये (Jaipur Ki Chunariya Me Layi Sherawaliye)

जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये,

प्रदोष व्रत के फायदे

प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इसलिए, इसे त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||

फूल देई, छम्मा देई (Phool Dei, Chamma Dei Geet)

फूल देई, छम्मा देई ।
जतुके दियाला, उतुके सई ॥