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नमामि-नमामि अवध के दुलारे(Namami Namami Awadh Ke Dulare)

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥


न करता हूं भक्ति न जप योग साधन ।

कैसे कटेंगे यह माया के बंधन ॥

दुःखी दीन हो के यह मनवा पुकारे ॥


नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

भंवर में पड़ी आ के नैया यह मेरी ।

सहारा न दूजा है इक आस तेरी ॥

तू बन के खिवैया लगा दे किनारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।


मैं कामी हूं क्रोधी हूं लोभी अवारा ।

लिया नाम दिल से कभी न तुम्हारा ॥

दया कर क्षमा कर तू बख्श बख्शन हारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।


बिनती यही है प्रभु के चरण में ।

आये हैं हम सब तुम्हारी शरण में ॥

करो दूर अवगुण जो होवें हमारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

गुप्त नवरात्रि कथा

2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संकटों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 विशेष रूप से चैत्र मास में मनाई जाती है और इस दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

थोड़ा देता है या ज्यादा देता है (Thoda Deta Hai Ya Jyada Deta Hai)

थोड़ा देता है या ज्यादा देता है,
हमको तो जो कुछ भी देता,

जय जय सुरनायक जन सुखदायक (Jai Jai Surnayak Jan Sukhdayak Prantpal Bhagvant)

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता ।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥

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