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सज धज बैठ्या दादीजी, लुन राई वारा (Saj Dhaj Baithya Dadi Ji Lunrai Vara)

सज धज बैठ्या दादीजी,

लुन राई वारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥


निरख निरख श्रृंगार मावड़ी,

मंद मंद मुस्कावे,

मंद मंद मुस्कावे,

कदे चुनड़ी कदे चुड़लो,

मेहंदी निरखती जावे,

मेहंदी निरखती जावे,

दर्शन कर दादीजी का,

वारि वारि जावा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥


नौलख हार गले में चमके,

चुड़लो दम दम दमके,

चुड़लो दम दम दमके,

कमर तागड़ी लड़ली लूमा,

पग पैजनिया खनके,

पग पैजनिया खनके,

‘प्रवीण’ सूरत माँ थारी,

मन में बसावा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥


सज धज बैठ्या दादीजी,

लुन राई वारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा,

निजरा उतारा माँ की,

निजरा उतारा ॥

ल्याया थारी चुनड़ी, करियो माँ स्वीकार(Lyaya Thari Chunri Karlyo Maa Swikar)

ल्याया थारी चुनड़ी,
करियो माँ स्वीकार,

सोमवती अमावस्या ना करें ये गलतियां

साल 2024 की आखिरी अमावस्या काफ़ी महत्पूर्ण है। यह दिन भगवान शिव और पितरों को समर्पित होता है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने हेतु तर्पण किया जाता है।

जिंदगी एक किराये का घर है - भजन (Zindgai Ek Kiraye Ka Ghar Hai)

जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,
तुम्हे अपना बनाया,

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