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सवारी महाकाल की आई(Sawari Mahakal Ki Aayi)

आओ प्यारे भक्तों,

भोले बाबा को मनाएं हम,

फूलों से सवारी,

महाकाल की सजाए हम,

करता धराशाई पापियों की चाल,

ऐसा न्याय प्रिय है मेरा महाकाल,

उज्जैन भ्रमण को निकले,

मेरे महाकाल,

सवारी महाकाल की आई,

सवारी महाकाल की आईं,

ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥


मल कर तन पर भस्मी,

वो तो पहने मृग की छाल,

मेरे महाकाल मेरे महाकाल,

आदि से आदि है वो,

अनंत महाकाल,

मेरे महाकाल मेरे महाकाल,

डमरू वाला देखो,

करे है कमाल,

सवारी महाकाल की आईं,

सवारी महाकाल की आईं,

ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥


करपूर गौरम करूणावतारम,

संसार सारम भुजगेन्द्र हारम,

सदा वसंतम हृदयारविंदे,

भवम भवानी सहितं नमामि ॥


कालो का भी काल वो तो,

मेरा महाकाल,

मेरे महाकाल मेरे महाकाल,

देखा हमने कई बार,

पापियों हाल,

मेरे महाकाल मेरे महाकाल,

अंग भभुति तिरपुंड लगाए हम,

सवारी महाकाल की आईं,

सवारी महाकाल की आईं,

ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥


आओ प्यारे भक्तों,

भोले बाबा को मनाएं हम,

फूलों से सवारी,

महाकाल की सजाए हम,

करता धराशाई पापियों की चाल,

ऐसा न्याय प्रिय है मेरा महाकाल,

उज्जैन भ्रमण को निकले,

मेरे महाकाल,

सवारी महाकाल की आई,

सवारी महाकाल की आईं,

ॐ नम: शिवाय ॐ नम: शिवाय ॥

जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,

सुंदरकांड के नाम के पीछे का कारण

गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में श्री हनुमान जी की भक्ति, शक्ति, साहस, सेवा और समर्पण की अनुपम कथा का वर्णन किया गया है।

मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी कब है?

हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, रिद्धि-सिद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा और व्रत किया जाता है।

श्री नर्मदा माता जी की आरती (Shri Narmada Mata Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर, रुद्री पालन्ती॥

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