नवीनतम लेख

शिव की जटा से बरसे, गंगा की धार है (Shiv Ki Jata Se Barse Ganga Ki Dhar Hai)

शिव की जटा से बरसे,

गंगा की धार है,

गंगा की धार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


कावड़िये भर भर के,

चढाने कावड़ निकले है,

हर जुबां से बम बम के,

जय जयकारे निकले है,

शिवमय हुआ है देखो,

सारा संसार है,

सारा संसार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


भोले की भक्ति में,

झूम रहे नर और नारी है,

अभिषेक करने को,

भीड़ पड़ी भी भारी है,

सजा है शिवालय देखो,

आज सोमवार है,

आज सोमवार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


मेरा भोला बाबा है,

इनके भक्त सभी प्यारे,

इक लौटा जल से ही,

कर दे ये वारे न्यारे,

‘राघव’ मिला है जो भी,

बाबा का प्यार है,

बाबा का प्यार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


शिव की जटा से बरसे,

गंगा की धार है,

गंगा की धार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥

नकद-तिजोरी पूजा विधि

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका घर धन-धान्य से भरा रहे। इसके लिए वे नकद और तिजोरी की पूजा करते हैं। भारतीय परंपरा में नकद और तिजोरी धन और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो(Gira Ja Raha Hu Utha Lo)

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,
गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

हे दयामय आप ही संसार के आधार हो (Hey Dayamay Aap Hi Sansar Ke Adhar Ho)

हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥