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शिव में मिलना हैं (Shiv Mein Milna Hai)

शिव में मिलना है ॥


दोहा – कितना रोकूं मन के शोर को,

ये कहा रुकता है,

की शोर से परे,

उस मौन से मिलना है,

मुझे शिव से भी नहीं,

शिव में मिलना हैं ॥


मुझे शिव से नहीं,

शिव में मिलना है,

अपने अहम की,

आहुति दे जलना है,

मुझे शिव से नहीं,

शिव में मिलना हैं ॥


क्यों मुझे किसी और के,

कष्टों का कारण बनना है,

चाँद जो शीश सुशोभित,

उस चाँद सा शीतल बनना है,

उस चाँद सा शीतल बनना है,

मुझे शिव से नहीं,

शिव में मिलना हैं ॥


जितना मैं भटका,

उतना मैला हो आया हूँ,

कुछ ने है छला मोहे,

कुछ को मैं छल आया हूँ,

कुछ को मैं छल आया हूँ,

मुझे शिव से नहीं,

शिव में मिलना हैं ॥


मुझे शिव से नहीं,

शिव में मिलना हैं,

अपने अहम की,

आहुति दे जलना है,

मुझे शिव से नहीं,

शिव में मिलना हैं ॥

भोले शंकर मैं तुम्हारा, लगता नहीं कोई (Bhole Shankar Main Tumhara Lagta Nahi Koi)

भोले शंकर मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके चले आना प्रभुजी चले आना - भजन (Shrinath Banke Dinanath Banake Chale Aana Prabhuji Chane Aana)

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥

सूर्य देव की आरती (Surya Dev Ki Aarti)

ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान।

2025 की पहली मासिक दुर्गाष्टमी कब है

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन मां भगवती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।