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ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी (Thumak Thumak Kar Chal Bhawani)

॥ दोहा ॥

सिंह चढी देवी मिले,

गरूड़ चढे भगवान ।

बैल चढ़े शंकर मिले,

पूरण सिद्ध हो काम ॥


ठुमक ठुमक कर चालें भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा,

थारा बालकिया बुलावे,

वेगा आवजो हो माँ ॥


घेर घुमेरो पेरो घाघरो,

ओढ़न दिखणी रो चीर,

भवानी मेरी जगदम्बा,

रेशम की ओ मैया फेरो कोचलि,

ए माँ ओ माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


कुलचे कोंकल फेरो भवानी,

गले नावलखियो हार,

भवानी मारी जगदम्बा,

हातो में बाजूबंद माता,

फेरलो ऐ माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


पगा में फेर भवानी,

बिजिया री झनकार,

भवानी मारी जगदम्बा,

झांझर रे झनकारे वेगा,

आवजो हो माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


लाडू छाड़ू चूरमा माँ,

लुम्बडिया नारेल,

भवानी मारी जगदम्बा,

धूपों रे मेहकारे वेगा,

आवजो हो माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


थारी माता करू चाकरी,

जनम जनम रे माय,

भवानी मारी जगदम्बा,

आरतियों री वेला,

वेगा आवजो हो माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


ठुमक-ठुमक कर चालें भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा,

थारा बालकिया बुलावे,

वेगा आवजो हो माँ ॥

ब्रज की होली

होली भारत में रंगों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, लेकिन जब ब्रज की होली की बात आती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। मथुरा, वृंदावन, नंदगांव और बरसाना में यह पर्व अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम लीलाओं से जुड़े इस उत्सव में भक्ति, संगीत, नृत्य और उल्लास का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।

मैया तुम्हारे चरणों में (Maiya Tumhare Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल,
मैया तुम्हारे चरणों में,

जय माता दी गाये जा, मैया को मनाये जा (Jai Mata Di Gaye Ja Maiya Ko Manaye Ja)

जय माता दी गाये जा,
मैया को मनाये जा,

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।
बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।
बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।