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गंगोत्री धाम यात्रा गाइड 2025

Apr 30 2025

Gangotri Dham Tour Guide 2025: गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे और कहां रूके, जानिए यात्रा का सही रूट


गंगोत्री धाम, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है और इसे पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। इसलिए हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर मां गंगा के दर्शन करते हैं। साथ ही, चारधाम यात्रा में भी गंगोत्री का विशेष महत्व है। 

जानिए गंगोत्री धाम तक पहुँचने के सड़क मार्ग 

गंगोत्री पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे आसान रास्ता है। ऋषिकेश से गंगोत्री की दूरी लगभग 259 किलोमीटर है, जिसके लिए आप ऋषिकेश से गंगोत्री तक बस या टैक्सी ले सकते हैं। उत्तरकाशी से आगे का रास्ता पहाड़ी और घुमावदार है, लेकिन रास्ते भर हिमालय की खूबसूरत वादियों का आप आनंद ले सकते हैं।

यदि आप गोमुख तक जाना चाहते हैं, तो गंगोत्री से गोमुख का ट्रेक लगभग 18 किलोमीटर का है। जिसे पैदल चलकर ट्रेक किया जा सकता है या चाहे तो खच्चर भी किराए पर ले सकते हैं।

जानिए गंगोत्री की रेलवे और एयरवेज की जानकारी 

  • गंगोत्री का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो गंगोत्री से लगभग 266 किलोमीटर दूर है। इसलिए ऋषिकेश स्टेशन से गंगोत्री के लिए टैक्सी या बस सेवा लेकर यात्रा पूरी की जा सकती है।
  • देहरादून का जौलीग्रांट हवाई अड्डा गंगोत्री का नजदीक हवाई अड्डा है, जो गंगोत्री से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित है। साथ ही, देहरादून से गंगोत्री के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ भी उपलब्ध हैं।

गंगोत्री यात्रा के लिए ये होटल हैं सबसे अच्छे

गंगोत्री और इसके आसपास ठहरने के कई विकल्प मौजूद हैं। यहां आपको बजट से लेकर मिड-रेंज तक के होटल, गेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स मिल जाएंगी।
उत्तरकाशी, गंगनानी जैसे छोटे शहर भी ठहरने के लिए अच्छी जगह हैं।
इसके अलावा, कई धर्मशालाएँ और आश्रम भी यात्रियों को सस्ती और सुविधाजनक आवास सेवा प्रदान करते हैं। यदि आप वहां व्यस्त समय में जा रहे हैं, तो सुविधा के लिए पहले से कमरे बुक कर लें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।