Kedarnath Dham Tour Guide 2025: केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे और कहां रूके, जानिए यात्रा का सही रूट
केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। साथ ही, यह चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदुओं के लिए एक अत्यंत पवित्र स्थान भी माना जाता है। यदि आप भी केदारनाथ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस लेख में हम आपके लिए सभी जानकारियां उपलब्ध हैं जो आपकी यात्रा को परेशानी मुक्त बनाएगी।
केदारनाथ का सफर गौरीकुंड से होता है शुरू
- सबसे पहले आपको अपने नजदीकी शहर से ट्रेन या बस के माध्यम से हरिद्वार या ऋषिकेश पहुँचना होगा। ये दोनों शहर भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं, इसलिए आपको किसी भी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- फिर हरिद्वार या ऋषिकेश से आप बस, टैक्सी या किसी निजी वाहन द्वारा लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित रुद्रप्रयाग पहुँच सकते हैं। रुद्रप्रयाग से आगे यात्रा करते हुए आपको गुप्तकाशी जाना होगा, फिर वहां से गौरीकुंड के लिए प्रस्थान करें।
- गुप्तकाशी से सड़क के रास्ते गौरीकुंड पहुँचा जा सकता है। गौरीकुंड वह स्थान है जहां से केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा शुरू होती है। साथ ही, यहां स्नान करने के लिए एक पवित्र कुंड भी है।
- गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है, जिसे पैदल, घोड़े, खच्चर या पालकी के माध्यम से तय किया जा सकता है। ट्रेक थोड़ी कठिन है, इसलिए आप अपने स्वास्थ्य के अनुसार ही योजना बनाए।
सोनप्रयाग और गुप्तकाशी हैं रुकने के लिए अच्छी जगह
- केदारनाथ और गौरीकुंड में कई गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं जो कम बजट में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करते हैं। यह उन यात्रियों के लिए अच्छा है जो बजट फ्रेंडली यात्रा की योजना बना रहे हैं।
- यदि आप अधिक सुविधा और आराम चाहते हैं, तो केदारनाथ में कुछ अच्छे होटल भी उपलब्ध हैं। हालांकि, कम संख्या में होने के कारण सीजन में यहां बुकिंग मिलना कठिन हो सकता है। इसलिए आप पहले ही बुकिंग करके जाएं।
- गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच कई स्थानों पर टेंट हाउस और कैम्पिंग की व्यवस्था भी की जाती है। यह उन लोगों के लिए श्रेष्ठ है, जो रोमांच अनुभव का आनंद लेना चाहते हैं।
- यदि आप चाहते हैं कि आपकी यात्रा थोड़ा आरामदायक हो, तो सोनप्रयाग या गुप्तकाशी में भी ठहर सकते हैं। यहां होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं आसानी से मिल जाती हैं।