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अपने लाला की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है (Apne Lala Ki Sun Lo Shikayat Jo Batane Ke Kabil Nahin Hai)

महाकाल बाबा उज्जैन वाले,

जीवन मेरा तेरे हवाले,

दर दर भटका पड़ गए छाले,

मुझको तू उज्जैन बुलाले,

मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलाले,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलालें ॥


साँचा दरबार है करलो दीदार है,

बेल पत्री तू आके चढ़ा दे,

तेरी झोली भरे हाथ सर पर धरे,

बात दिल की तू इनको सुना दे,

सब भक्तो का काम किया है,

किस्मत से भी ज्यादा दिया है,

मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलालें ॥


ये दयावान है ऐसे भगवान है,

तीनो लोको में इन सा ना दानी,

देव के देव है ये महादेव है,

इनकी ताकत को सबने है मानी,

इनके चरण का हो जा दीवाना,

मिल जाएगा तुझको ठिकाना,

मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलालें ॥


सुनो उज्जैन के वासी,

काट दो यम की अब फांसी,

तुम्हारा नाम गाता हूँ,

तुम्हे हर पल मनाता हूँ,

बैठ नंदी पर अब आओ,

साथ में गौरा को लाओ,

‘प्रेमी’ की झोलिया भरना,

आज देरी नही करना,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलालें ॥


महाकाल बाबा उज्जैन वाले,

जीवन मेरा तेरे हवाले,

दर दर भटका पड़ गए छाले,

मुझको तू उज्जैन बुलाले,

मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलाले,

तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले,

अपने दरबार में तू बुलालें ॥

विवाह पंचमी के उपाय क्या हैं

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

उंचिया पहाड़ा वाली माँ, हो अम्बे रानी (Uchiya Pahadawali Maa O Ambe Rani)

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हो अम्बे रानी,

सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला: भजन (Socha Nahi Jo Khwab Me Utna Hame Mila)

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