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जबसे बरसाने में आई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ(Jab Se Barsane Me Aayi Main Badi Masti Me Hun)

जबसे बरसाने में आई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ,

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,

मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,

जब से तुम संग लौ लगाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥


छा गई आँखों में दिल में,

बस तेरी दीवानगी, ॥छा गई आँखों...

तू ही तू बस दे दिखाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ, ॥तू ही तू ...

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

जब से तुम संग लो लगाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥

॥ जबसे बरसाने में आई...॥


ना तमन्ना दौलतों की,

शोहरतों की लाड़ली, ॥ना तमन्ना...

नाम की करके कमाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ, ॥नाम की...

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

जब से तुम संग लो लगाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥

॥ जबसे बरसाने में आई...॥


बांकी चितवन सांवरी,

मन मोहनी सूरत तेरी, ॥बांकी चितवन...

जबसे है दिल में समाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ, ॥जबसे है...

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

जब से तुम संग लो लगाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥

॥ जबसे बरसाने में आई...॥


जबसे बरसाने में आई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ,

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

मैं बड़ी मस्ती में श्यामा,

मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,

मैं बड़ी मस्ती में प्यारे,

जब से तुम संग लौ लगाई,

मैं बड़ी मस्ती में हूँ॥

विवाह पंचमी की कथा क्या है

सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

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जन्मे है राम रघुरैया,
अवधपुर में बाजे बधैया,

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