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मुझे कैसी फिकर सांवरे साथ तेरा है गर सांवरे (Mujhe Kaisi Fikar Saware Sath Tera Hai Gar Saware)

मुझे कैसी फिकर सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे,

मेरे होंठो पे रहती हंसी,

कोई गम ना बस है ख़ुशी,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


कितनी मुश्किल जो आए,

मैं तो खिलखिलाता रहूं,

तेरी किरपा से विपदाओं को,

दूर भगाता रहूं,

मुझे दुनिया की परवाह नहीं,

सिवा तेरे कोई चाह नहीं,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


मेरे संग में जो तू है,

मैं तेरे गीत गाता रहूं,

तेरी चौखट पे हरदम यूँ ही,

श्याम आता रहूं,

तूने थामा है दामन मेरा,

किया अहसान बाबा बड़ा,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


तेरी महिमा को कान्हा,

यूँ ही गुनगुनाता रहूं,

अपने हाथों से सांवरिये को,

रोज सजाता रहूं,

कभी ना बिछड़ूँ दर से तेरे,

‘हर्ष’ अरमान इतने मेरे,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥


मुझे कैसी फिकर सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे,

मेरे होंठो पे रहती हंसी,

कोई गम ना बस है ख़ुशी,

मुझे कैसी फ़िक्र सांवरे,

साथ तेरा है गर सांवरे ॥

मुझे अपनी शरण में ले लो राम(Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
लोचन मन में जगह न हो तो

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

श्री डिग्गी वाले बाबा देव निराले, तेरी महिमा अपरम्पार है (Shree Diggi Wale Dev Nirale Teri Mahima Aprampar Hai)

श्री डिग्गी वाले बाबा देव निराले,
तेरी महिमा अपरम्पार है,

शादी-विवाह पूजा विधि

विवाह एक पवित्र संस्कार, जो दो लोगों को 7 जन्मों के लिए बांधता है। यह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है। इसे हिंदू संस्कृति में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है।