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शेंरावाली दा चोला सुहा लाल, लाल माँ नु प्यारा लागे (Sherawali Da Chola Suha Lal Lal Maa Nu Pyara Lage)

शेरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥


मैया जी दे सिर उते चुनरी है सजदी,

मैया जी दे सिर उते चुनरी है सजदी,

माँ दी चुनरी दा रंग सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे,

शेंरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥


मैया जी दे मत्थे उते बिंदिया चमकदी,

मैया जी दे मत्थे उते बिंदिया चमकदी,

माँ दी बिंदिया दा रंग भी है लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे,

शेंरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥


मैया जी दे हत्था विच मेहंदी महकदी,

मैया जी दे हत्था विच मेहंदी महकदी,

माँ दी मेहंदी दा रंग गहरा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे,

शेंरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥


मैया जी दी बाहि विच चुड़िया खनकती,

माँ दी चूड़ियां दा रंग भी है लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे,

शेंरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥


‘संजू बिमला’ तो माँ दा श्रृंगार करदी,

‘संजू बिमला’ तो माँ दा श्रृंगार करदी,

‘राणा’ लिखे गुण बण तेरा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे,

शेंरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥


शेरावाली दा चोला सुहा लाल,

लाल माँ नु प्यारा लागे ॥

होरी खेली न जाय (Hori Kheli Na Jaay)

नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,

इन 4 राशियों के लिए खास मार्गशीर्ष पूर्णिमा

साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा मार्गशीर्ष पूर्णिमा है, जो 15 दिसंबर को पड़ रही है। यह पूर्णिमा तिथि लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है और इसके शुभ प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

दादी मैं थारी बेटी हूँ (Dadi Mein Thari Beti Hu)

दादी मैं थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज,

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