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तेरे डमरू की धुन सुनके, मैं काशी नगरी आई हूँ(Tere Damru Ki Dhun Sunke Main Kashi Nagri Aayi Hun)

तेरे डमरू की धुन सुनके,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में मुक्ति है,

उसी मुक्ति को पाने को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में गंगा है,

उसी गंगा में नहाने को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में मंदिर है,

उसी मन्दिर में पूजा को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में भक्ति है,

उसी भक्ति को पाने को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


तेरे डमरू की धुन सुनके,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

कहा प्रभु से बिगड़ता क्या (Kaha Prabhu Se Bigadta Kya)

कहा प्रभु से बिगड़ता क्या,
मेरी बिगड़ी बनाने में

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में - भजन (Aaj Hai Anand Baba Nand Ke Bhawan Mein)

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ संयोग

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर 2024 को यह पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गीता जयंती का भी पर्व होता है।

श्री पार्वती माता की आरती (Shri Parvati Mata Ki Aarti)

ॐ जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥

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