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तेरी महिमा सभी ने बखानी(Teri Mahima Sabhi Ne Bakhani )

तेरी महिमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


हम शरण तेरी आए है,

जग छोड़ कर,

हम शरण तेरी आए है,

जग छोड़ कर,

दुनिया सारी बेगानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


तेरा दर छोड़ कर,

माँ जाए कहाँ,

तेरा दर छोड़ कर,

माँ जाए कहाँ,

अब थाम लो हाथ भवानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


मेरा कोई नहीं,

मैया तेरे सिवा,

मेरा कोई नहीं,

मैया तेरे सिवा,

तेरे हाथों में है जिंदगानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


तुम किरपामाई,

तुम हो करुणामई,

तुम किरपामाई,

तुम हो करुणामई,

भक्तों ने महिमा जानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


तेरी महिमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥

उज्जैन के महाराज हो, दीनो के दीनानाथ हो (Ujjain Ke Maharaj Ho Dino Ke Dinanath Ho)

उज्जैन के महाराज हो,
दीनो के दीनानाथ हो,

शिव जी का नाम सुबह शाम, भक्तो रटते रहना (Shiv Ji Ka Naam Subah Shaam Bhakto Ratte Rahana)

शिव जी का नाम सुबह शाम,
भक्तो रटते रहना,

प्रभु के चरणों से सच्चा प्यार: भजन (Parbhu Ke Charno Se Sachha Pyar)

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये,
दो चार सहर की बात ही क्या संसार उसी का हो जाये ॥

चंद्रदेव को प्रसन्न करने के उपाय

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।

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