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तोरी बगिया में आम की डाल, कोयल बोले कुहू कुहू: भजन (Tori Bagiya Mein Aam Ki Daal Koyal Bole Kuhu Kuhu)

तोरी बगिया में आम की डाल,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥


बगिया में माई आसन लागो,

आसन बैठो आन,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥


बाग़ में तोरी झूला डरो है,

झूला झूलो आन,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥


बाग में भोजन थाल लगी है,

जीमो जीमो आन,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥


बाग में तोरी दुखिया बैठे,

विनती सुनलो आन,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥


‘राजेंद’ भेंट लये ठाड़े हैं,

भेंट लो जल्दी आन,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥


तोरी बगिया में आम की डाल,

कोयल बोले कुहू कुहू ॥

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे (Baans Ki Basuriya Pe Ghano Itrave)

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती,

श्री बालाजी चालीसा (Shri Balaji Chalisa)

श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान ।
बालाजी चालीसा लिखे “ओम” स्नेही कल्याण ।।

स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।

मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी - भजन (Main To Apne Shyam Ki Diwani Ban Jaungi)

मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,