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बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥


बालाजी प्रभु राम जी का प्यारा जी,

म्हारी विनती सुन लीजो,

बाबा थाने पुकारा जी ॥


लंका में जाकर आग लगाई जी,

सागर में जाकर के,

बाबा पूंछ बुझाई जी ॥


थाने रामनाम की धुन अच्छी लागे जी,

सूती किस्मत बाबा,

थारे नाम से जागे जी ॥


दुखड़ा में बाबो दोड़्यो ही आवे जी,

हम सब पर मेहर करो,

थारी महिमा गावा जी ॥


बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)

प्रथम वंदनीय गणेशजी को समर्पित मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना का विशेष महत्व है।

Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥

भोले तेरी लीला अनोखी (Bhole Teri Leela Anokhi)

भोले तेरी लीला अनोखी,
शंकर तेरी लीला अनोखी,

चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।

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