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जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली - भजन (Jai Ho Jai Ho Tumhari Ji Bajrangbali)

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली

लेके शिव रूप आना गजब हो गया

त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी

तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥


बचपन की कहानी निराली बड़ी

जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे

फल समझ कर उड़े आप आकाश में

तेरा सूरज को खाना गजब हो गया ॥


कूदे लंका में जब मच गयी खलबली

मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली

मारडाले अच्छो को पटककर वही

तेरा लंका जलाना गजब हो गया ॥


आके शक्ति लगी जो लखनलाल को

राम जी देख रोये लखनलाल को

लेके संजीवन बूटी पवन वेग से

पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया ॥


जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी

और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी

सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल

फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया ॥


जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली

लेके शिव रूप आना गजब हो गया

त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी

तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥

मोहनी मुरति साँवरी सूरति(Mohini Murat Sanwali Surat, Aai Basau In Nainan Me)

मोहनी मुरति साँवरी सूरति,
आइ बसौ इन नैनन में ।

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती (Agar Maa Ne Mamta Lutai Na Hoti)

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,
तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

परशुराम जयंती 2025 तिथि

परशुराम जयंती, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है, जिसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है और अक्षय तृतीया के साथ इसका संयोग इस दिन को और भी शुभ बनाता है।

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