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कितना सोणा है दरबार, भवानी तेरा (Kitna Sona Hai Darbar Bhawani Tera)

कितना सोणा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

तेरा ये दरबार भवानी,

तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


कोई लाया लाल चुनरिया,

कोई लाया पैजनियां,

कोई बिंदिया कंगन लाया,

कोई मोतियन हार,

कितना प्यारा है,

कितना प्यारा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


सिंह सवारी माँ जगदम्बे,

तेरी शोभा अति प्यारी,

बलिहारी हुआ आज भक्त वो,

किया जिसने दीदार,

कितना प्यारा है,

कितना प्यारा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


जगराते में भजन भाव की,

पावन गंगा बहती है,

करे प्रार्थना ‘चोखानी’ भी,

लगाके जै जैकार,

कितना प्यारा है,

कितना प्यारा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


कितना सोणा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

तेरा ये दरबार भवानी,

तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥

ओ सांवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है (O Sanware Data Mere Tera Shukriya Hai)

मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,

मैया मैं तेरी पतंग (Maiya Main Teri Patang)

मैया मैं तेरी पतंग,
हवा विच उडदी जावांगी,

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों खाते हैं

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है।

माधो हम ऐसे, तू ऐसा - शब्द कीर्तन (Madho Hum Aise Tu Aisa)

हम पापी तुम पाप खंडन
नीको ठाकुर देसा