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नाम है तेरा कृष्ण कन्हैया नाथद्वारा सन्मुख होगा (Naam Hai Tera Krishna Kanhaiya)

नाम है तेरा कृष्ण कन्हैया,

नाथद्वारा सन्मुख होगा,

तेरा दर्शन इतना सुन्दर,

तू कितना सुन्दर होगा,

तू कितना सुन्दर होगा ॥


जनम जनम की प्यासी अँखियाँ,

दर्शन से सुख पाऊं मैं,

तेरे चरण में मेरा ठिकाना,

और कही क्यों जाऊं मैं,

श्रीनाथ जी के शुभ नैनन में,

श्रीनाथ जी के शुभ नैनन में,

करुणा का सागर होगा,

तेरा दर्शन इतना सुन्दर,

तू कितना सुन्दर होगा,

तू कितना सुन्दर होगा ॥


मन-मोहिनी मूरत तेरी,

घट घट बसिया श्याम तू ही,

मन मंदिर में मोहन तू ही,

रोम रोम में श्याम तू ही,

साँसों में मेरी बंसी बजाये,

साँसों में मेरी बंसी बजाये,

वो नटवर नागर होगा,

तेरा दर्शन इतना सुन्दर,

तू कितना सुन्दर होगा,

तू कितना सुन्दर होगा ॥


यमुना तट पर बंशीवट पर,

तेरा रंग निराला है,

राधा के संग रास रचैया,

मोहन मुरली वाला है,

महाप्रभु जी के चरणों में ही,

महाप्रभु जी के चरणों में ही,

हर वैष्णव का घर होगा,

तेरा दर्शन इतना सुन्दर,

तू कितना सुन्दर होगा,

तू कितना सुन्दर होगा ॥


नाम है तेरा कृष्ण कन्हैया,

नाथद्वारा सन्मुख होगा,

तेरा दर्शन इतना सुन्दर,

तू कितना सुन्दर होगा,

तू कितना सुन्दर होगा ॥

मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा

मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह त्योहार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक है।

नैनो में नींद भर आई(Naino Mein Neend Bhar Aayi)

नैनो में नींद भर आई बिहारी जू के,
नैनो में नींद भर आई रमण बिहारी जू के

माघ शुक्ल की जया नाम की एकादशी (Magh Shukal Ki Jya Naam Ki Ekadashi)

पाण्डुनन्दन भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़ कर नम्रता पूर्वक बोले हे नाथ ! अब आप कृपा कर मुझसे माघ शुक्ल एकादशी का वर्णन कीजिए उस व्रत को करने से क्या पुण्य फल होता है।

क्यों खास होता है फाल्गुन मास

सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम महीना फाल्गुन मास होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है।