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हिंदू धर्म में कुल कितने भगवान हैं

हिंदू धर्म में कुल कितने भगवान हैं

33 कोटि या 33 करोड़? जानिए हिंदू धर्म में कितने भगवान हैं


जब से सृष्टि है, तब से सनातन धर्म है और तब से ही हमारे देवी-देवता। हिंदू धर्म में सभी देवताओं का अपना महत्व और उनकी आराधना करने का अलग-अलग विधान और फल। सनातन धर्म में हम अपनी आस्था और श्रद्धा के अनुसार किसी भी देवी-देवता की पूजा अर्चना कर सकते हैं। उन्हें अपना आराध्य या इष्ट मान सकते हैं। 

हिंदू धर्म में कुल कितने देवी-देवता हैं। यह एक ऐसा प्रश्न है जो यदा कदा पूछा ही जाता रहा है। इसका सही-सही जवाब न मिलने की परिस्थिति में इसे लेकर संशय और जिज्ञासा सदैव बनी रहती है। भक्त वत्सल की धर्म ज्ञान सीरीज के इस लेख में इसी सवाल का जवाब जानेंगे। 


शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में कुल 33 कोटि देवी-देवता हैं। इनमें 8 वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्य, इंद्र, प्रजापति शामिल हैं। कुछ शास्त्रों में इंद्र और प्रजापति की जगह दो अश्विनी कुमारों को भी 33 कोटि देवी-देवताओं में स्थान दिया गया है।


कोटी और करोड़ को लेकर भ्रम 


जब भी देवताओं की संख्या की बात आती है। एक सवाल यह भी होता है कि देवताओं की संख्या कोटी में है या करोड़ में। इसे लेकर अलग-अलग तरह की बातें की जाती हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि कोटि शब्द को बोलचाल की भाषा में करोड़ बोला जाता है। यह भी मान्यता प्रचलित है कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। हालांकि, सनातन शास्त्रों के अनुसार 33 प्रकार के मुख्य देवता हैं। 

 

बृहदारण्यक उपनिषद में बताया गया कितने देवता हैं


बृहदारण्यक उपनिषद के अनुसार विभिन्न देवता चार क्रम में हैं। 

1. स्थान क्रम के अनुसार 

2. परिवार क्रम के अनुसार 

3. वर्ग क्रम के अनुसार 

4. समूह क्रम के अनुसार

5. 33 कोटि


  • स्थान क्रम के अनुसार अंतरिक्ष में रहने वाले, मध्य स्थानीय देवता और तीसरे पृथ्वी पर रहने वाले देवता हैं।
  • परिवार क्रम के अनुसार देवता आदित्य, वसु, रुद्र आदि हैं।
  • वर्ग क्रम में इन्द्र वरुण, मित्रावरुण आदि देवता आते हैं।
  • समूह क्रम में सर्व देवा आदि देवता शामिल हैं।
  • 33 कोटि देवी-देवताओं में 12 आदित्य,11 रुद्र,8 वसु और 2 अश्विनी कुमार को गिना जाता हैं।


देवताओं की संख्या को लेकर पौराणिक कहानी


मान्यता है कि देवताओं की संख्या को लेकर यह प्रश्न शाकल के पुत्र विदग्ध ने याज्ञवल्क्य से पूछा था। इसके जवाब में याज्ञवल्क्य ने कहा विश्व देवों की स्तवनात्मक सूक्त के निविद में जितने देवता बताए गए हैं। यानी तैंतीस देवताओं को प्रमुखता दी गई है।


33 करोड़ देवी-देवता कौन हैं


  • 8 वासु: 1. आप 2. ध्रुव 3. सोम 4. धर 5. अनिल 6. अनल 7. प्रत्यूष 8. प्रभाष।
  • 11 रुद्र: 1. मनु 2. मन्यु 3. शिव 4. महत 5. ऋतुध्वज 6. महिनस 7. उम्रतेरस 8. काल 9. वामदेव 10. भव 11. धृत-ध्वज।
  • 12 आदित्य: 1. अंशुमान 2. अर्यमन 3. इंद्र 4. त्वष्टा 5. धातु 6. पर्जन्य 7. पूषा 8. भग 9. मित्र 10. वरुण 11. वैवस्वत 12. विष्णु।
  •  इंद्र: स्वर्ग के राजा
  •  प्रजापति: ब्रह्मांड के रचनाकार
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रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

इस दिन देवता खेलते हैं होली

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे हैं कि कैसे इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने पहली बार होली खेली थी।

रंग पंचमी की कथा

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और यह पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता धरती पर आकर भक्तों के साथ होली खेलते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

रंगपंचमी के खास उपाय

रंग पंचमी का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी, और देवी-देवता भी होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।

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