हिंदू धर्म में मोर पंख का सबसे प्रसिद्ध संबंध भगवान श्री कृष्ण से है। श्री कृष्ण के मुकुट में मोर पंख सजे होते थे। इसे उनके सौंदर्य और दिव्यत्व का प्रतीक माना जाता है। कुछ शास्त्रों के अनुसार, मोर पंख भगवान कृष्ण के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि वह मोर के प्रिय हैं और मोरपंख उनके संगीत और नृत्य के प्रतीक के रूप में दिखता है।
भगवद गीता में भी कृष्ण ने अपनी महानता को विभिन्न रूपों में प्रकट किया है, जिनमें मोरपंख भी एक रूप है। वास्तु शास्त्र में भी मोर पंख को एक शुभ और सकारात्मक प्रतीक माना गया है। कहा जाता है कि मोर पंख घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करता है। इसे घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थान या उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से शुभ फल मिलते हैं। अब ऐसे में घर में मोर पंख रखने के क्या-क्या लाभ हैं। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।
मोर पंख को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसे घर की दिशा के अनुसार रखने से सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है। उत्तर दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है। मोर पंख को उत्तर दिशा में रखने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि हो सकती है।
पूर्व दिशा भी शुभ मानी जाती है। मोर पंख को पूर्व दिशा में रखने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। मोर पंख को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से घर में ऊर्जा का संचार होता है और घर का वातावरण सकारात्मक रहता है।
मोर पंख को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है।
मोरपंख का संबंध मंगल ग्रह से भी जोड़ा जाता है। मंगल ग्रह को शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास का कारक माना जाता है। यदि व्यक्ति का मंगल कमजोर हो, तो मोर पंख को घर में रखने से मंगल के प्रभाव को सकारात्मक रूप से सुधारने में मदद मिल सकती है। खासतौर पर यदि किसी के जन्म कुंडली में मंगल दोष हो, तो मोर पंख एक उपाय के रूप में काम कर सकता है।
मोर पंख को नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे घर में रखने से नकारात्मक और बुरी ऊर्जा का प्रभाव कम हो सकता है, जिससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में मोरपंख को पारिवारिक सुख, समृद्धि और रिश्तों में सुधार लाने का एक उपाय भी माना गया है।
घर के मुख्य दरवाजे पर मोर पंख रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। घर के पूजा स्थल पर मोर पंख रखने से धार्मिक शांति और आंतरिक उन्नति होती है। तिजोरी में मोर पंख रखने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है। मोरपंख को घर की उत्तर या पूर्व दिशा में रखने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इतना ही नहीं घर में मोर पंख रखने से घर में कभी भी किसी प्रकार की कोई समस्याएं नहीं आती हैं।
हिंदू धर्म में रविवार का दिन विशेष रूप से भगवान सूर्यदेव से जुड़ा हुआ है। इसे "रविवार व्रत" या "सूर्य व्रत" के रूप में मनाया जाता है। रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सम्मान और शक्ति की प्राप्ति होती है।
प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक जयंती अथवा वरद जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
गणेश जयंती भगवान गणेश जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है।
सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।