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भगवान शिव को भांग क्यों प्रिय है?

भगवान शिव को भांग क्यों प्रिय है?

भांग के बिना अधूरी मानी जाती है भगवान शिव की पूजा, जानिए कैसे शुरू हुई परंपरा 


देवों के देव महादेव को भांग बेहद प्रिय है। जब भी भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है, तो उन्हें भांग जरूर चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर भगवान शिव की पूजा में भांग न हो, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि शिव जी की पूजा में भांग चढ़ाने से व्यक्ति के सभी रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। अब ऐसे में सवाल है कि भगवान शिव की भांग चढ़ाने की परंपरा कब से चली आ रही है और उनकी पूजा भांग के बिना क्यों पूरी नहीं मानी जाती है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं। 


भगवान शिव भांग चढ़ाने की परंपरा कब से हुई शुरू


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले जहरीले विष को भगवान शिव ने पीकर संसार को बचाया। वहीं विष को भगवान शिव में अपने गले में नीचे नहीं जाने दिया। जिसके कारण उनका कंठ धीरे-धीरे नीला पड़ने लगा और इसी वजह से भगवान भोलेनाथ को नीलकंठ भी कहा जाने लगा। विष को पीने के बाद भगवान शिव बेहद व्याकुल होने लगे और इससे विष उनके मस्तिष्क पर भी धीरे-धीरे चढ़ने लगा और भोलेनाथ बेहोश हो गए और इससे देवताओं के सामने एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो लगी और उन्होंने कई प्रयास किए। तभी जाकर सभी देवताओं ने भगवान शिव के सिर पर भांग रख दिया और दूध से भगवान शिव का अभिषेक किया। तभी जाकर भगवान शिव का शरीर शीतल हुआ। इसी कारण भगवान शिव ठीक हुए और उन्होंने भांग को जीवनदायिनी भी माना है। इसलिए उनकी पूजा में भांग जरूर चढ़ाना चाहिए। 


भगवान शिव को भांग चढ़ाने से मिलते हैं ये लाभ


भगवान शिव को भांग चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और जीवन में आ रही सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा अगर आप किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन भगवान शिव को भांग चढ़ाने से लाभ हो सकता है और सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।  अगर आपकी कुंडली में कोई भी ग्रह दोष है, तो भगवान शिव को भांग चढ़ाने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। 


ज्योतिष शास्त्र में भांग का महत्व 


भगवान शिव को ज्योतिष में काल और परिवर्तन का देवता माना जाता है। वहीं भांग को चंद्रमा का भी कारक माना गया है। आपको बता दें,  चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है। भांग मन को शांत करने और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए इसे चंद्रमा से भी जोड़कर देखा गया है। 


भगवान शिव की किस विधि से चढ़ाएं भांग


  • अगर आप भगवान शिव को भांग चढ़ा रहे हैं, सोमवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इसलिए भांग चढ़ाने के दौरान नियमों का पालन विशेष रूप से करें। 
  • भांग को एक साफ पात्र में लें और इसे भगवान शिव के ऊपर चढ़ाएं।
  • भांग को सीधे शिवलिंग पर या शिव जी की प्रतिमा पर चढ़ाया जा सकता है।
  • भगवान शिव को भांग को चढ़ाते समय "ॐ नमः शिवाय" या "हर हर महादेव" का जाप करते रहें।
  • भगवान शिव को भांग चढ़ाते समय में उसे दूध में मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे लाभ हो सकता है। 

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प्रदोष व्रत के नियम

शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।

प्रदोष व्रत की कथा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

पूर्णिमा व्रत विधि क्या है

पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?

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