रोशनी और सजावट के पर्व दीपावली में धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा विधि-विधान से पूर्ण की जाती है। पूजा में फूलों, दीपों और मिठाइयों के साथ फलों का भोग भी विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि देवी लक्ष्मी को प्रिय फलों और वस्तुओं को अर्पित करने से माता प्रसन्न होती हैं। इससे घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का आगमन होता है। आइए जानते हैं वे 10 फल जो दीपावली पूजन में अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।
नारियल को श्रीफल कहा जाता है और यह माता लक्ष्मी को बेहद प्रिय है। इसका उपयोग हर धार्मिक अनुष्ठान में किया जाता है। नारियल की कई परतें इसे पवित्र बनाती हैं। दीपावली पूजन में नारियल का भोग लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
अनार को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माता लक्ष्मी को यह फल विशेष रूप से प्रिय है। अनार को दीपावली पूजन में शामिल करने से घर में स्वास्थ्य और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। यह फल संपन्नता और उन्नति का भी प्रतीक माना जाता है।
आंवला को धार्मिक दृष्टि से भी शुभ माना जाता है और इसे माता लक्ष्मी को अर्पित करने से सौभाग्य और धन का लाभ होता है। आंवला सेहत के लिए भी लाभकारी है। इसलिए इसे पूजा के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण करना अत्यंत फलदायी साबित होता है।
सेब को धार्मिक अनुष्ठानों में काफी विशेष महत्व प्राप्त है। इसे सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि दीपावली पूजन में सेब चढ़ाने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है और परिवार में शांति का वास होता है।
केला भारतीय धार्मिक अनुष्ठानों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे अर्पित करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-संपत्ति का वास होता है। केले के पौधे को भी शुभ माना जाता है और कई तरह की पूजा में इसका उपयोग भी होता है।
रसीला फल संतरा लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ है। इसे माता लक्ष्मी को अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। पूजा के बाद इसका प्रसाद के रूप में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है।
अंगूर को धन और वैभव का प्रतीक माना जाता है। दीपावली पूजन में इसे शामिल करने से आर्थिक उन्नति होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ता है। माना जाता है कि अंगूर का प्रसाद बांटने से आपसी रिश्तों में भी मधुरता आती है।
पपीते को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसे लक्ष्मी पूजन में शामिल करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूजा के बाद इसका सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ भी होता है।
सुपारी का प्रयोग हर पूजा में शुभ माना जाता है। इसे धन प्राप्ति के लिए उपयोग किया जाता है और पूजा में इसका अर्पण करना विशेष रूप से लाभकारी है। पान के पत्ते के साथ सुपारी का भोग लक्ष्मी पूजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सीताफल को विशेष फलदायक माना जाता है और इसे लक्ष्मी पूजन में शामिल करने से माता की कृपा प्राप्त होती है। यह फल घर में सकारात्मकता लाने और आर्थिक स्थिति मजबूत करने में भी सहायक होता है।
दीपावली की रात को मंत्रोच्चार और विधिपूर्वक पूजन करने के साथ माता लक्ष्मी को उनके प्रिय फलों और मिठाइयों का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन फलों को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने और परिवार व मित्रों में बांटने से घर में खुशहाली और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।
सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास और पवित्र पर्व माना जाता है। यह दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।
सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सनातन हिंदू धर्म में कालाष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष दिन काल भैरव बाबा को समर्पित है। यदि कोई साधक इस तिथि पर सच्चे मन से भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा करता है।
विश्व के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व है।