मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से आठवां स्वरूप हैं विद्या लक्ष्मी का जो विज्ञान और कला के साथ ज्ञान की देवी हैं। इनकी आराधना करने से इन तीनों चीजों में व्यक्ति वृद्धि और विकास करता है। विद्या लक्ष्मी बुद्धि में वृद्धि कर व्यक्ति को विद्वान बनने में सहायता करती हैं। विद्या रूपी धन की प्राप्ति के लिए विद्या लक्ष्मी की आराधना बहुत कारगर उपाय है। लेकिन, ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि देवी विद्या लक्ष्मी की पूजा किस विधि से की जाती है। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं विद्या लक्ष्मी की पूजन सामग्री, विधी और सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।
विद्या लक्ष्मी ब्रह्मचारिणी देवी का ही एक रूप हैं। मां विद्या लक्ष्मी का यह स्वरूप सफ़ेद वस्त्र धारण किये हुए है। उनके सिर पर सोने के आभूषण सुसज्जित हैं। चार भुजाओं में माता ने ऊपर की दो भुजाओं में कमल फूल धारण किया है। वहीं, अन्य दो भुजाएं अभय मुद्रा में हैं। देवी असुरक्षा, अज्ञानता और अनुभवहीनता को दूर कर ज्ञान और विवेक में वृद्धि करतीं हैं ।
आ जाओ और किरपा पा लो,
हफ्ते में दो बार,
संकट हरलो मंगल करदो,
प्यारे शिव गौरा के लाल,
संकट हरनी मंगल करनी,
कर दो बेडा पार,
दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं
संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥