प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कुंभ में शाही स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।इस बार का कुंभ बेहद खास भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि 144 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे कई राशियों को फायदा होने वाला है। ऐसे में इन राशि वाले लोगों के लिए इस बार शाही स्नान का महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है। चलिए आपको दुर्लभ संयोग से राशियों को होने वाले फायदे के बारे में बताते हैं।
महाकुंभ 2025 में सूर्य, चंद्रमा, गुरु और शनि ग्रह कुंभ राशि में रहेंगे। ऐसा संयोग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली माना गया है। इस कुंभ से पहले ये संयोग समुद्र मंथन के दौरान बना था। जिसके कारण इस संयोग में गंगा स्नान, दान और ध्यान का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा महाकुंंभ पर पूर्णिमा , रवि योग और भद्रवास योग का भी निर्माण होने जा रहा है।
144 साल बाद बनने वाले इस संयोग से कुछ राशियों को बहुत फायदा होने वाला है।
ज्योतिषियों के मुताबिक इस खास संयोग के कारण मेष राशि वाले लोगों के लिए यह समय करियर और आर्थिक स्थिति में उन्नति का रहेगा। वे नई योजनाएं बनाएंगे। इसके अलावा उनका इन योजनाएं में निवेश लाभकारी भी रहेगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक सिंह राशि वाले लोगों को भी संयोग से फायदा होने वाला है। यह योग उनके अच्छे स्वास्थ्य , पारिवारिक सुख और संपत्ति के बढ़ने का संकेत दे रहा है। इसके अलावा उनके पुराने विवाद भी सुलझ सकते हैं।
144 साल बाद बनने वाले इस संयोग के कारण धनु राशि वालों को शिक्षा और आध्यात्मिक उन्नति मिलेगी। वे किसी स्थान की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। संयोग के कारण वे धार्मिक स्थलों पर जा सकते हैं।
कुंभ राशि के लोगों के लिए यह योग जीवन और करियर के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएगा। व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता की उम्मीद है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस तरह के दुर्लभ योग में स्नान और दान से कई जन्मों के पाप कटते हैं और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।इस दौरान भगवान विष्णु और शिव की आराधना करते हुए मंत्रों का जाप करना भी अद्भुत लाभकारी हो सकता है। ऐसे में धर्म और आस्था के इस पर्व में भाग लेकर अपने जीवन को समृद्ध और उन्नत बनाने का प्रयास अवश्य करें।
राम नाम का प्याला प्यारे,
पि ले सुबहो शाम,
राम नाम के दीवाने,
पूजे जिनको दुनिया माने,
राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
हिंदू धर्म में सफला एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है।