Aaj Ka Panchang 15 march 2025: पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त का योग दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 37 मिनट से लेकर दोपहर 11 बजकर 06 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन शनिदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज शनिवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
आज गोचर का योग नही है।
15 मार्च को उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा कन्या राशि और सूर्य मीन राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। वहीं आज शनिवार का दिन है। आप आज शनिदेव की पूजा विधवत रूप से करें। सरसो तेल का दान करें। इस दिन शनिदेव को काले तिल, तेल, काले वस्त्र चढ़ाने से भाग्योदय हो सकता है।
आज उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज शनिवार का दिन है। इस दिन शनिदेव की पूजा जरूर करें। आपको बता दें, यह दिन चैत्र माह की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन कुछ विशेष पूजा पाठ किये जाते हैं।
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की साधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि अपने भक्तों के जीवन से अंधकार और अज्ञान को समाप्त करती हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करती हैं।
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। देवी महागौरी को शक्ति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक कहा गया है। मां का नाम उनके रंग के आधार पर रखा गया है, जो अत्यंत ही शुभ और तेजस्वी हैं।
चैत्र नवरात्रि की दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गाष्टमी पर मां महागौरी की पूजा-अर्चना, साधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही, जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
चैत्र नवरात्रि के अंतिम यानी नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। देवी सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं।