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15 May 2025 Panchang (15 मई 2025 का पंचांग)

15 May 2025 Panchang (15 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 15 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


 Aaj Ka Panchang 15 May 2025: आज 15 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का तीसरा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि तृतीया है। आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर शिव योग रहेगा। सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा राशि परिवर्तन करेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से दोपहर  03 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आज वृषभ संक्रांति है साथ ही कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 15 मई 2025

  • तिथि- ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि  
  • नक्षत्र - ज्येष्ठा
  • दिन/वार- गुरूवार
  • योग- शिव
  • करण- वणिज और विष्टि 

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि प्रारंभ-  15 मई रात्रि 02:29 बजे

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि समाप्त-  16 मई प्रात:काल 04:02 बजे


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके बाद धनु राशि में गोचर करेंगे।  


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर 
  • सूर्यास्त-  शाम 7 बजकर 05 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय- रात्रि 9 बजकर 47 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त-  सुबह 6 बजकर 58 मिनट पर   


आज का शुभ मुहूर्त और योग 15 मई 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:07 बजे से सुबह 04:49 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक। 
  • अमृत काल- नहीं है।
  • विजय मुहूर्त  -  दोपहर 02:33 बजे से दोपहर 03:28 बजे तक। 
  • गोधूलि मुहूर्त  - शाम 07:04 बजे से शाम 07:25 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 07:05 बजे से रात्रि 08:07 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 15 मई 2025

  • राहु काल   - दोपहर 01:59 बजे से दोपहर 03:41 बजे तक। 
  • गुलिक काल  -  सुबह 08:54 बजे से सुबह 10:36 बजे तक।  
  • यमगंड   -  प्रात:काल 05:30 बजे से सुबह 07:12 बजे तक।  
  • दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य - रात्रि 10:47 बजे से 16 मई रात्रि 12:31 बजे तक। 
  • विछुंडो - प्रात:काल 05:30 बजे से दोपहर 02:07 बजे तक। 
  • आडल योग - प्रात:काल 05:30 बजे से दोपहर 02:07 बजे तक। 
  • विडाल योग - दोपहर 02:07 बजे से 16 मई प्रात:काल 05:30 बजे तक। 
  • गण्ड मूल - पूरे दिन 
  • भद्रा - दोपहर 03:18 बजे से 16 मई प्रात:काल 04:02 बजे तक। 


15 मई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 

वृषभ संक्रांति - वृषभ संक्रांति हिन्दु सौर कैलेंडर में द्वितीय माह के आरंभ का प्रतीक है। यह दान-पुण्य आदि कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। वृषभ संक्रान्ति के समय संक्रान्ति क्षण से पूर्व की सोलह घटी को शुभ माना जाता है। इस दौरान गौदान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। वृषभ संक्रान्ति के समय दान-पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और यह सभी गतिविधियों के लिए शुभ समय माना जाता है।


आज का उपाय 15 मई  2025

15 मई को शिव योग बन रहा है। शिव को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

गुरूवार के उपाय - गुरूवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान बृहस्पति की पूजा करना शुभ माना जाता है। गुरूवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने, पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन विद्या और ज्ञान की पूजा करने से भी ज्ञान में वृद्धि होती है। गुरूवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।

वृषभ संक्रांति के उपाय -  वृषभ संक्रांति के दिन गौदान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करना, स्नान करना और भगवान विष्णु की पूजा करना भी विशेष लाभकारी होता है। वृषभ संक्रांति के समय संक्रांति क्षण से पूर्व की सोलह घटी में दान-पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से भी विशेष लाभ होता है।


15 मई 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज ज्येष्ठा नक्षत्र है। ज्येष्ठा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही ज्येष्ठ मास की शुरूआत हो चुकी है, इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की आराधना करने से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस माह में जल के दान का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है, इसलिए प्यासे लोगों और जानवरों को पानी पिलाना चाहिए। वार के हिसाब से आज आप भगवान विष्णु की विधिवत पूजन करे। इसके अलावा आज वृषभ संक्रांति है साथ ही कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा।


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शबरी जयंती क्यों मनाई जाती है?

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है, जो भगवान राम और उनकी भक्त शबरी के बीच के पवित्र बंधन का प्रतीक है।

शबरी जंयती की पूजा विधि

शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।

करवा चौथ व्रत कथा

सुहागिन महिलाओं और अविवाहित लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

जानकी जयंती पर मां सीता की विशेष पूजा

हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

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