Logo

17 May 2025 Panchang (17 मई 2025 का पंचांग)

17 May 2025 Panchang (17 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 17 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 17 May 2025: आज 17 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का पाचवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी है। आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर साध्य योग रहेगा। सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा राशि परिवर्तन करेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 08 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आज कोई खास त्योहार नहीं है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 17 मई 2025

  • तिथि - ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि  
  • नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - साध्य
  • करण - कौलव और तैतिल  

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ - 17 मई प्रात:काल 05:13 बजे

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 18 मई प्रात:काल 05:57 बजे


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे।  
  • चंद्र - चंद्रमा 18 मई रात्रि 12 बजकर 04 मिनट तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद मकर राशि में गोचर करेंगे। 


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 29 मिनट पर 
  • सूर्यास्त - शाम 7 बजकर 06 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - रात्रि 11 बजकर 26 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त -  सुबह 8 बजकर 49 मिनट पर   


आज का शुभ मुहूर्त और योग 17 मई 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:06 बजे से सुबह 04:48 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक। 
  • अमृत काल - दोपहर 12:36 बजे से दोपहर 02:19 बजे तक। 
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:34 बजे से दोपहर 03:28 बजे तक। 
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07:05 बजे से शाम 07:26 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 07:06 बजे से रात्रि 08:08 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 17 मई 2025

  • राहु काल - सुबह 08:53 बजे से सुबह 10:36 बजे तक।
  • गुलिक काल - प्रात:काल 05:29 बजे से सुबह 07:11 बजे तक। 
  • यमगंड - दोपहर 02:00 बजे से दोपहर 03:42 बजे तक।  
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • वर्ज्य -18 मई को रात्रि 02:07 बजे से 18  मई 03:47 बजे तक। 
  • विडाल योग - नहीं है। 
  • गण्ड मूल - नहीं है। 


17 मई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। 


आज का उपाय 17 मई  2025

17 मई को साध्य योग बन रहा है। साध्य को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

  • शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने, काले तिल, काले चने और काली उड़द का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।


17 मई 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज पूर्वाषाढा नक्षत्र है। पूर्वाषाढा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही ज्येष्ठ मास की शुरूआत हो चुकी है। इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की आराधना करने से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस माह में जल के दान का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है, इसलिए प्यासे लोगों और जानवरों को पानी पिलाना चाहिए। वार के हिसाब से आज आप शनि देव की विधिवत पूजन करे। इसके अलावा आज कोई खास त्योहार नहीं है। 


........................................................................................................
जोगी भेष धरकर, नंदी पे चढ़कर (Jogi Bhesh Dharkar Nandi Pe Chadhkar)

जोगी भेष धरकर,
नंदी पे चढ़कर ॥

सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो (Jyot Se Jyot Jagate Chalo)

ज्योत से ज्योत जगाते चलो,
ज्योत से ज्योत जगाते चलो

जगत के सर पर जिनका हाथ, वही है अपने भोले नाथ(Jagat Ke Sar Par Jinka Hath Vahi Hai Apne Bholenath)

जगत के सर पर जिनका हाथ,
वही है अपने भोले नाथ,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang