Aaj Ka Panchang 18 April 2025: आज 18 अप्रैल 2025 वैशाख माह का छठा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी है। आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर परिघ योग रहेगा। वहीं चंद्रमा सुबह 8 बजकर 21 मिनट वृश्चिक राशि में रहेंगे और इसके बाद धनु राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। आज के दिन कोई विशेष त्योहार नहीं है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
वैशाख कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ - 17 अप्रैल दोपहर 03:23 बजे
वैशाख कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 18 अप्रैल शाम 05:07 बजे
18 अप्रैल को परिघ योग बन रहा है। परिघ के पूर्वार्ध को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये पूर्वार्ध का समय अच्छे मुहूर्त में वर्जित है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
शुक्रवार के उपाय- शुक्रवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करना और उनको श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाना शुभ माना जाता है। शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र धारण करने, सफेद फूलों का दान करने और गरीबों को अन्न तथा धन का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन श्री सूक्त का पाठ करने से भी धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आज ज्येष्ठा नक्षत्र है। ज्येष्ठा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से आप माता की लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।
जनेऊ संस्कार को उपनयन संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का प्रतीक है।
मुंडन संस्कार हिंदू धर्म के सबसे पवित्र संस्कारों में से एक हैं। इसे बच्चे के जन्म के एक निश्चित समय बाद पूरा किया जाना होता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक नया चरण शुरू करने का प्रतीक होता है।
गुरु दक्षिणा की परंपरा हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, इस पूजा के जरिए हम अपने गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
नई पुस्तक का विमोचन किसी लेखक के लिए एक बेहद खास अवसर होता है। यह न केवल उसकी विद्या और ज्ञान का प्रतीक होता है, बल्कि उसकी मेहनत और समर्पण की भी पहचान होती है।