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20 May 2025 Panchang (20 मई 2025 का पंचांग)

20 May 2025 Panchang (20 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 20 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह 


Aaj Ka Panchang 20 May 2025 : आज 20 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का सातवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज का दिन किसी साधारण तिथि का नाम नहीं, बल्कि यह जीवन के दुखों से मुक्ति और समृद्धि के द्वार खोलने का अवसर है। मंगलवार का पावन दिन, संकटमोचक श्री हनुमान जी की विशेष कृपा के लिए जाना जाता है। आज पुष्य नक्षत्र और सिद्धि योग का साथ, इसे और भी अधिक प्रभावशाली बना देता है। जो व्यक्ति आज प्रभु श्रीराम का स्मरण करते हुए श्री हनुमानजी की आराधना करेंगे, उनके जीवन के विघ्न हर लिए जाएंगे। आइए जानें आज के दिन के शुभ समय, ग्रह स्थितियाँ और जीवन में कल्याणकारी उपाय:


पंचांग विवरण 

  • वार: मंगलवार
  • तिथि: कृष्ण पक्ष अष्टमी
  • मास: ज्येष्ठ
  • विक्रम संवत: 2082 (कलायुक्त)
  • सूर्योदय: प्रातः 05:30 बजे
  • सूर्यास्त: सायं 06:45 बजे
  • चंद्रोदय: रात्रि 01:19 बजे
  • चंद्रास्त: प्रातः 11:54 बजे
  • चंद्र राशि: कर्क
  • नक्षत्र: पुष्य
  • योग: सिद्धि
  • करण: गर


आज के विशेष शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:50 पूर्वाह्न – 12:40 अपराह्न
  • गोधूलि मुहूर्त: 06:30 अपराह्न – 06:50 अपराह्न

ग्रह दोष शांति, यंत्र स्थापना, जप-साधना, हनुमान पूजा एवं रत्न धारण के लिए यह समय अत्यंत शुभ माना गया है।


अशुभ समय (दोष काल)

  • राहुकाल: 03:00 अपराह्न – 04:30 अपराह्न
  • गुलिक काल: 12:00 अपराह्न – 01:30 अपराह्न
  • यमगण्ड काल: 09:00 पूर्वाह्न – 10:30 पूर्वाह्न

इन कालों में नया कार्य या यात्रा आरंभ न करें। यदि करना आवश्यक हो, तो श्री गणेश व हनुमानजी का ध्यान कर आरंभ करें।


आज का ग्रह उपाय (मंगलवार – मंगल ग्रह)

  • आज का दिन मंगल ग्रह के प्रभाव से संचालित है, अतः निम्न उपाय करने से ग्रह की शांति और जीवन में उन्नति संभव है:
  • हनुमान मंदिर जाकर चमेली का तेल व सिंदूर अर्पित करें
  • "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
  • लाल वस्त्र, मसूर दाल व तांबे का दान करें
  • दुर्घटनाओं से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें


पूजन व्रत एवं साधना

  • श्री हनुमान पूजन: लाल फूल, सिंदूर, गुड़ और चना अर्पित करें
  • बजरंग बाण व सुन्दरकाण्ड का पाठ करें
  • श्रीकृष्ण को तुलसी व मिश्री का भोग लगाकर सप्तमी पूजन करें

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जन्माष्टमी पूजन विधि (Janmashtami Poojan Vidhi)

भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी का किया जाने वाला व्रत

वट सावित्री पूर्णिमा पूजन विधि (Vat Savitri Purnima Pooja Vidhi)

ज्येष्ठमास की पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत

छठी मईया प्रसिद्ध गीत

ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥

बिल्वाष्टकम् (Bilvashtakam)

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं, त्रिजन्मपापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥1॥

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